Wednesday, June 18, 2008

लखनऊ सहारा सिटी का कुछ हिस्सा ढहाया गया


एक निजी चैनल की रिपोर्ट के मुताबिक यूपी सरकार के आदेशों पर पुलिस व प्रशासन की मदद से सहारा सिटी का कुछ हिस्सा रातोंरात ढहा दिया गया। चैनल के मुताबिक इससे सहारा परिवार के साथ-साथ पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह को भी गहरा झटका लगा है। इस कारवाई को प्रशासन ने अतिक्रमणा का नाम दिया है। इस तरह से अचानक हुइ रातोंरात कार्रवाई से सहारा सिटी के मास्टर प्लान के तहत आने वाली कंपाउंड में पड़ते करीब 30 मीटर चौड़ी जगह को गिरा दिया है। वहीं सहारा परिवार का कहना है कि यह कार्रवाई सरकार के पोजेक्ट अंबेडकर पार्क को गोमती नगर से जोड़ने के लिए किया गया है, जो कि सरासर गलत है। सहारा सिटी के जीएम के मुताबिक उसके पास कोर्ट के सारे कागजात मौजूद हैं। जिसमें कहा गया है कि इस जगह पर कोई कार्रवाई नहीं की जा सकती है। इस अतिकमण की मुहिम से सहारा परिवार को तगड़ा झटका लगा है। यह सिटी लखनऊ के उन एरियों में शुमार की जाती है जहां बड़े-बड़े अफसर, नेता रहते हैं।

यह माना जाता है कि सहारा के सुबतो राय और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम के बीच नजदीकी के कारण इस कार्रवाई को अंजाम दिया गया है। इससे पहले भी यूपी सरकार मुलायम के चहेतों पर गाज गिरा चुकी है। चाहे अमिताभ बच्चन हों या अंबानी परिवार। खैर चाहे कुछ भी हो सरकार की इस कार्रवाई से नजदीकी लोकसभा चुनावों को लेकर चुनावी सरगर्मियां और तेज होने की संभावना है। ऐसे में देखना है कि सहारा और उनके साथी कौन सा कदम उठाएंगे।

Saturday, June 14, 2008

क्या हो गया था परवीन कुमार को


यूपी के ओपनर बल्लेबाज परवीन कुमार का फाइनल में परफार्मेंस देखकर सभी लोग दंग थे। उनका यही कहना था कि क्या हो गया है इस बल्लेबाज को। गेंद ठीक से बल्ले पर नहीं आ रही थी। मानो ऐसा लग रहा था कि कोई नौसिखिया खेल रहा है। यूपी की तरफ से खेलते हुए परवीन का बल्लेबाजी में रिकार्ड औसत शानदार रहा है। इरफान पठान के आउट होने के बाद परवीन पर सभी की निगाहें थी। एक-एक करके सभी बल्लेबाज आउट हो गए। कप्तान धोनी एक तरफ से खूंटा गाड़े हुए थे। दूसरी तरफ से विकेट की झड़ी लग गई। ऐसे में अगर कोई बल्लेबाज कीज पर टीक गया होता तो टीम इंडिया की फाइनल में जीत पक्की थी।

बता दें कि किट्प्लाई त्रिकोणीय सीरीज के फाइनल मैच में पाक ने टीम इंडिया को 25 रनों से हरा दिया। पाक के 315 रनों के जवाब में उतरी टीम इंडिया 290 रनों पर ढेर हो गई। भारत की तरफ से धोनी (64), युवराज (56) और गंभीर ने 40 रन बनाए। उधर पाक के ओपनर बल्लेबाज सलमान बट्ट ने शानदार 129 (रिटायर्ड हर्ट) और यूनिस खान ने 108 रन बनाकर शुरू से ही भारत पर दबाव बना दिया, जिससे वे अंत तक उबर नहीं पाए। हालांकि भारत की तरफ से सबसे सफल गेंदबाज परवीन ही रहा, जिसने 10 ओवरों में केवल 37 रन दिए।

40 पार यानी एक्सपायर (उन तमाम लोगों के लिए जो सोचते समझते हैं, लेकिन काम नहीं करना चाहते)

पत्रकार की कोई उम नहीं होती, लेकिन आजकल के भागमभाग के दौर में उसकी भी एक कैटेगरी निर्धारित हो गई है। चाहे मालिक हो या संपादक वह युवाओं को पसंद करता है। पत्रकारिता में 40 पार होने के बाद पत्रकार एक्सपायर माने जाने लगे हैं। लोगों का मानना है कि इस लाइन में जोश और जज्बे की जरूरत होती है, जोकि 40 पार होने पर संभव नहीं है। युवाओं की बात की जाए तो उन्हें भी दो कैटेगरी में रखा जा सकता है। एक सीखने का वक्त और दूसरा सिखाने का। जाब लगने के बाद काम करने और सीखने का मौका मिलता है। इस एज में युवा पूरे दमखम के साथ काम करते हैं। और इसी जोश और जज्बे की वजह से वे आगे बढ़ते रहते हैं। आजकल उन्हें खुलकर खेलने का भी मौका मिलता है। 30 साल की उम तक वे पत्रकारिता की अधिकांश सीढ़ियां चढ़ चुके होते हैं। इसके बाद वे एक स्थायी पद पर नियुक्त हो जाते हैं। हम बात कर रहे थे एक्सपायर यानी 40 पार लोगों की, जोकि जानकार तो बहुत होते हैं, लेकिन वे अपने पुराने सोच में परिवर्तन नहीं कर पाते हैं। जिस वजह से वे मात खा जाते हैं और जो अपने सोच में परिवर्तन करते रहते हैं, वे आगे चलकर संपादक बन जाते हैं। हालांकि इस तरह की खबरों को एक्सपायर लोग सिर्फ अफवाह करार देते हैं।

Wednesday, June 11, 2008

आखिर क्यों झुपाते हैं अपनी गलतियां


हम अपनी कमी क्यों छुपाते हैं इसलिए नहीं कि हम कमजोर है इसलिए कि हम दूसरों की नजर में सदैव अच्छे बने रहें। कइ बार तो हम सब कुछ जानते हुए भी इतना अंजान बन जाते है कि मानो जैसे कुछ मालूम ही न हो। ऐसी प्रवृति वाले अपने अंदर खुद छांककर देखे कि वे कितने सही और कितने गलत हैं। हम अपनी गलतियों को इतनी आसानी से छिपाजाते है कि सामने वाले को इसकी भनक नहीं लग पाती है। अब अगर काम के दौरान ही गलतियां हो जाएं तो उसे स्वीकारने से पहले ही हम बचने का रास्ता ढूढ लेते हैं। कितनी बार अपनी गलतियों पर जबरदसती परदा डाल देते हैं। कयोंकि सामने वाले कि नजर में हमें अपनी गलतियों के कारणा लज्जित न होना पड़े। आजकल के युवाओं में इस तरह की प्रवृति ज्यादा बढ़ रही है। वे अनुभनहीन होते हुए भी इतने कंफीडेंस से काम करते हैं कि मानो काफी बड़े जानकार हों। हालांकि उनके कार्यों की समीक्षा उनके सीनियर्स कर लेते हैं कि वे कितने पानी में हैं और चाहकर भी कुछ नहीं बोलते हैं। इस बारे में यह मानना है कि हमें अपनी छोटी छोटी गलितयों को इगनोर न करके उस पर सुधार करना चाहिए।

Sunday, June 8, 2008

पंजाब में भास्कर को चाहिए ट्रेनी जर्नलिस्ट

भास्कर को चाहिए ट्रेनी जर्नलिस्ट
अगर आप अपने आसपास की बदलती दुनिया को पहचानने का हुनर रखते हैं, खुद को बेहतर तरीके से अभिव्यक्त कर सकते हैं और एक चुनौतीपूर्ण कैरियर के लिए तैयार हैं तो हमें आपकी जरूरत है।
योग्यताः आप ग्रेजुएट या पोस्ट ग्रेजुएट हैं या फिर हाल ही में आपने फाइनल एग्जाम दिया है तो भी आवेदन कर सकते हैं।
अंतिम तिथिः 15 जून, २००८
पताः दैनिक भास्कर एससीओ-16, पुड्डा काम्पलेक्स, लाडोवाली रोड,
प्रेशिक्षण की अवधिः तीन महीने
स्टाइपेंडः 5,000 रु मासिक
दैनिक जागरण के बाद भास्कर के इस पहल पर आपके क्या सुझाव हैं।

भास्कर इलेवन के खिलाड़ियों ने दिखाया जौहर


भास्कर इलेवन ने मीडिया इलेवन पर शानदार जीत दर्ज की
रविवार को आर्य कालेज के मैदान में हुए एक बेहतरीन मुकाबले में भास्कर इलेवन ने मीडिया इलेवन पर 18 रनों से शानदार जीत दर्ज की। महीने भर से चल रहे तीखे वाकयुद्ध के बाद आज मैदान पर जौहर दिखाने की बारी थी और भास्कर के खिलाड़ी इस पैमाने पर पूरी तरह खरे उतरे। भड़ासियों को बता दें कि यह मैच भास्कर इलेवन को चैलेंज करके रखा गया था। विपक्षियों ने जीत का दावा भी पहले ही ठोक दिया था। भास्कर के रणबांकुरों ने कैप्टन आलोक सिंह रघुवंशी की अगुवाई में मीडिया इलेवन के दावें की हवा निकाल दी। यह भी गौर करने वाली बात है कि विपक्षी टीम के कुठ खिलाड़ी भास्कर परिवार के ही सदस्य हैं। उन खिलाड़ियों ने भी भास्कर इलेवन को हराने के लिए पुरजोर कोशिश की, लेकिन भास्कर परिवार के सहयोग से भास्कर इलेवन की टीम सभी अपेक्षाओं पर खरी उतरी। बता दें कि विपक्षी टीम ने विभिन्न टीमों से हुए मुकाबले में लगातार सात मैचों में जीत दर्ज की है। इसी घमंड में उन्होंने भास्कर इलेवन को चैलेंज कर दिया। भास्कर इलेवन ने इस चैलेंज को कबूलते हुए उनके ताबूत में कील ठोक दी। विपश्री टीम के खिलाड़ी भास्कर के रणबांकुरे के जौहर देखकर चारों खाने चित हो गए। आज सुबह टास जीतकर मीडिया इलेवन के कप्तान मोहित ने पहले फील्डिंग करने का निर्णय लिया। ओपनर बल्लेबाज कप्तान आलोक सिहं रघुवंशी और दिनेश भट्ट ने मीडिया को शानदार शुरुआत दी। मैच के दूसरी ही गेंद पर कप्तान ने स्टेट पर शानदार चौका जमाया। मीडिल आर्डर के बल्लेबाज सन्नी (95), राहुल, नितिन यादव ने शानदार बल्लेबाजी कर मीडिया इलेवन के लिए 20 ओवरों में 201 रनों का लक्ष्य रखा। जवाब में खेलते हुए मीडिया इलेवन के ओपनर बल्लेबाजों मोहित और सुनील ने शानदार शुरुआत दी। इन दोनों खिलाड़ियों के आउट होने के बाद टीम हतोत्शाहित हो गई। हालांकि मीडिल आर्डर के बल्लेबाज तरसेम दियोगण ने अच्छी बल्लेबाजी कर अपनी टीम को विजय लक्ष्य के नजदीक पहुंचा दिया, लेकिन राहुल श्रीवास्तव, आकाश रावल, सन्नी, दिनेश ने अपनी चतुराई भरी गेंदबाजी से निचले कम के बल्लेबाजों को झका दिया और मीडिया इलेवन को 18 रनों से मात दी। अंत में भास्कर इलेवन के खिलाड़ी मैदान पर जीत के नारे लगाते हुए अपने दफ्तर पहुंचे और दफ्तर के सामने भास्कर परिवार के लोगों ने कप्तान सहित सभी खिलाड़ियों का स्वागत किया।
टीम- आलोक सिंह रघुवंशी (कप्तान), नितिन यादव (उपकप्तान), दिनेश भट्ट, राहुल श्रीवास्तव, आकाश रावल, सन्नी, महेश, प्यार सिंह, अमित, मुकेश, सुनील।
मैच जीतने पर भास्कर के स्थानीय संपादक राजीव सिंह, सिटी चीफ कुमार अभिमन्यु, विशेष संवाददाता अशोक सिंघी, योगेंऱद भदौरिया, सिटी डेस्क इंचार्ज नवीन गुप्ता, सीनियर सब एडिटर अनिल भारदाज, मनीष सिंह, चीफ फोटोगाफर कुलदीप काला ने विजयी टीम के सदस्यों को शुभकामनाएं दी।